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मिट्टी के अनुसार करें ट्रैक्टर का चयन: जानें कौन सा ट्रैक्टर है आपके लिए सही 

Posted On - 21 July, 2023
Category - Tractor

ट्रैक्टर खरीदना मतलब समृद्धि घर लाना। प्रत्येक खेती में ट्रैक्टर एक महत्वपूर्ण भूमिका नभाता है और अगर ट्रैक्टर मिट्टी की पूरी समझदारी के साथ खरीदा गया है तो उत्पादकता व आय में बढ़ौतरी निश्चित है। भारत के हर राज्य में विभिन्न प्रकार की मिट्टी पाई जाती है और अपनी विशेष बनावट के हिसाब से इन मिट्टियों की अलग-अलग मांग होती है। हर एक ट्रैक्टर विशेष मिट्टी की संरचना के आधार पर अलग तरीके से काम करता है। यदि मिट्टी हलकी है तो इसके लिए हलके भार वाला ट्रैक्टर अच्छा माना जाता है, वहीं अगर मिट्टी सख्त है तो इस पर भारी ट्रैक्टर अच्छे से काम करता है। आज के तकनीकी युग में मार्केट में कई ऐसे दमदार ट्रैक्टर है जो मिट्टी के सख्त होने के बावजूद भी अच्छे परिणाम देते हैं। 


भारत से नं.1 ट्रैक्टर निर्यात ब्रांड, सोनालीका ट्रैक्टर्स हमेशा से ही किसानों के हित के बारे में सोचता आया है और इसकी झलक कंपनी की हैवी ड्यूटी ट्रैक्टर रेंज में देखी जा सकती है। कंपनी के अद्भुत प्रयासों ने भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के कुल 14 + लाख किसानों के खेती-सम्बंधित जरूरतों की पूर्ति 150 + देशों में की है और उनके भरोसे को और भी मजबूत किया है।  


बात करें सोनालीका के ट्रैक्टरों की तो इन्हें विश्व के नं 1 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में तैयार किया जाता है जहाँ रोबोटिक से लेकर ऑटोमेशन जैसी नई तकनीक उपलब्ध हैं। कंपनी की विस्तृत श्रंखला 20 -120  HP ट्रैक्टर रेंज में आपको तकनीक और ताक़त का अद्भुत मिश्रण मिलेगा जो खेती में एक भरोसेमंद साथी के तरह आपका साथ निभाना जारी रखेगा। मिट्टी के अनुसार ट्रैक्टरों को विकसित करने का उद्देश्य सोनालीका ट्रैक्टर्स को अलग-अलग राज्यों के किसानों की ज़रूरतें पूरा करने में सक्षम बना रहा है।  


अब सवाल उठता है मिट्टी के अनुसार कौन सा ट्रैक्टर चुनें ? आइए, यह जानने के लिए भारत के विभिन्न राज्यों की मिट्टी और उनकी बनावट के आधार पर उपयुक्त ट्रैक्टर के बारे में समझते हैं:


  1. जलोढ़ मिट्टी (Alluvial Soil):नदी द्वारा जमा की गई मिट्टी को जलोढ़ या दोमट मिट्टी के नाम से जाना जाता है। ये ज्यादातर भारत के उत्तरी व पूर्वी राज्यों में पाई जाती है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, बिहार, झारखण्ड और वेस्ट बंगाल में जलोढ़ मिट्टी का विस्तार भारी मात्रा में है। अगर आप इन राज्यों में से किसी भी राजय में खेती करते हैं तो आपको सोनालीका सिकंदर और टाइगर सीरीज़ के 2WD और 4WD ड्राइव में से ट्रैक्टरों का चयन करना चाहिए। उच्च ट्रांसमिशन, मज़बूत हाइड्रोलिक्स और बेहतर कन्ट्रोल सिस्टम के साथ इसका शानदार प्रदर्शन आपकी खेती के कामों को आसान बनाने में सक्षम रहेगा। 
  2. काली मिट्टी (Black Soil): इस मिट्टी का रंग काला होने के कारण इसे काली मिट्टी के नाम से जाना जाता है, हालांकि कई जगह इसे "रेगुर मिट्टी" भी कहा जाता है। भारत के पश्चिमी भाग के राज्य जैसे - गोवा, गुजरात और महाराष्ट्र में यह मिट्टी भारी मात्रा में पाई जाती है। काली मिट्टी बहुत सख़्त होती है लेकिन इसमे आपको जुताई की  कम जरूरत पड़ेगी क्योंकि इस मिट्टी में नमी बनाए रखने की क्षमता बहुत ज़्यादा होती है। इस प्रकार की मिट्टी के लिए छत्रपति डीआई 745 III को महाराष्ट्र के किसानों के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके शक्तिशाली इंजन, उच्च लिफ्ट क्षमता और आरामदायक सीट जैसे विशेषताएं खेती के दौरान दमदार प्रदर्शन देते हैं।
  3. लाल मिट्टी (Red Soil): लाल मिट्टी की बनावट के बारे में बात करें तो यह रेतीली और थोड़ी चिकनी होती है जिसका मतलब यह है कि मिट्टी हलके किस्म की है। दिलचस्प बात तो यह है कि लाल मिट्टी भीगने के बाद पीली रंग की हो जाती है जिस वजह से इस मिट्टी को पीली मिट्टी के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रकार की मिट्टी का विस्तार भारत के दक्षिण राज्य आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना और तमिलनाडु में अधिकतम है। अगर आप तेलंगाना या दक्षिण भारत में रहते हैं तो आपके लिए सोनालीका ‘महाबली सीरीज़’ का ट्रैक्टर सबसे उत्तम रहेगा। आधुनिक तकनीक वाली खूबियों से लैस यह सीरीज़ हर कृषि कार्यों को आसान बनाने में सक्षम है। यह कम आरपीएम ड्रॉप के साथ अधिकतम टॉर्क तथा मज़बूत पिकअप प्रदान करता है और किसानों को समृद्ध बनाने में अहम भूमिका निभाता है। 
  4. शुष्क मिट्टी (Arid Soil): इस मिट्टी की पहचान इसकी रेतीली और न्यूनतम नमी से होती है जो राजस्थान के थार व अन्य भाग तथा पंजाब के दक्षिणी भागों में पाई जाती है।अगर आप शुष्क मिट्टी पर खेती करते हैं तो सोनालीका का "महाराजा ट्रैक्टर" आपके लिए सही चयन साबित होगा। यह अनुकूलित ट्रैक्टरों में से एक है जिसे विशेष रूप से राजस्थान की शुष्क मिट्टी पर खेती करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। महाराजा डीआई 745 III भारत की पहली 5जी लिफ़्ट तकनीक के साथ आता है जो आपके फसल उत्पादन व कमाई में दुगना फायदा सुनिश्चित करेगा।

निष्कर्ष
भारतीय मिट्टियों पर पैनी नज़र व यथावत समझदारी के साथ, सोनालीका ट्रैक्टर्स अपनी हैवी ड्यूटी ट्रैक्टर रेंज द्वारा क्षेत्रीय किसानों की जरूरतों को लगातार पूरा कर रहा है। कंपनी के ट्रैक्टरों को प्रत्येक शहर व गांव की मिट्टी के अनुसार डिज़ाइन किया गया है जिसमे टाइगर, सिकंदर, महाबली (तेलंगाना), महाराजा (राजस्थान), छत्रपति (महाराष्ट्र) सीरीज़ शामिल हैं। अपने खेतों की विशिष्ट मिट्टी की पूरी जानकारी होने के बाद ही सोनालीका की इन बेहतरीन श्रेणी में से सही ट्रैक्टर का चुनाव करना हमारे किसान भाईयों के लिए और भी आसान हो जाएगा। कंपनी द्वारा सभी ट्रैक्टरों को आधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ विश्व के No.1 इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में विकसित किया गया है, जिसका लक्ष्य किसानों के जीवन को खुशहाल बनाना व उन्हें प्रगतिशील बनाना है। यही एक कारण है कि आज सोनालीका ट्रैक्टर्स 14+ लाख किसानों की पहली पसंद बन चुका है।

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